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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Poem Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par

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Access Kavita Ke Bahane, Baat Sidhi Thi Par Class 12 Questions and Answers With Expert Solutions

Kavita ke bahane, baat sidhi thi par class 12 questions and answers help students learn about poetry in simple ways. These two poems by Kunwar Narayan show how poetry works in our daily life. Class 12 hindi chapter 3 ncert solutions make these beautiful poems easy to read and learn.

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Key points covered:

  • Easy answers for all poem questions from the textbook
  • Simple explanations of poetic devices and meanings
  • Practice questions with detailed answers for better preparation


Vedantu's NCERT Solutions make poetry learning fun and simple. Download the NCERT Solutions PDF for free and start your exam preparation today! These solutions save your study time during exams. You get clear answers that help you write better responses. Students can also practice more questions and improve their Hindi poetry skills. 

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Master Kavita Ke Bahane, Baat Sidhi Thi Par Class 12 Questions and Answers With Expert Solutions

1. इस कविता के बहाने बताएं कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?

उत्तर: कवि कुंवर नारायण सिंह कहते हैं कि जिस तरह बच्चे खेल में अपनी सीमा, अपने अंतर को भूल जाते हैं। ठीक उसी तरह अगर हम कविता को एक खेल के रूप में देखते हैं, तो कविता भी शब्दों का खेल है। कवि कहता है कि कवियों को लोकहित में कविता लिखनी चाहिए, कविता बनाते और लिखते समय अपने और वर्ग विशेष के भेद को भूल जाना चाहिए।


2.‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या सम्बन्ध बनता है.? 

उत्तर:  कवि की कल्पना और पक्षियों की उड़ान, दोनों की कोई सीमा नहीं है| दोनों बहुत दूर और ऊँचाई तक यात्रा करते हैं। जहाँ पक्षियों की उड़ान पंखों की उड़ान है, वहीं कवि की कविता कल्पना की उड़ान है, तो कहा जाता है कि “जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुंचे कवि।”जिस तरह फूल खिलते है और लोगों को खुशी देते हैं,उनकी सुंदरता और उनकी खुशबू के साथ उसी तरह कविता हमेशा अपने शब्दों और अभिव्यक्तियों के  साथ खिलती हैं।


3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: बच्चे और कविता दोनों अपने स्वतंत्र स्वभाव के साथ खेलते हैं। खेल में उनके बीच कोई सीमा नहीं होती। उनके अपने लोगों के बीच कोई अंतर नहीं है, रंग और जाति से कोई नफरत नहीं है, बच्चे अपने बीच के सभी मतभेदों को भूल जाते हैं। जिस तरह एक शरारती बच्चा किसी की पकड़ में नहीं आता ठीक उसी प्रकार कविता में उलझा दी गई एक बात तमाम प्रयास के बावजूद समझने योग्य नहीं रह जाती। इसके लिए चाहे जितनी प्रयास किए जाये वे शरारती बच्चे की तरह हाथ से फिसल  ही जाता है।


4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने’ के माने क्या होते हैं

उत्तर: कविता के संदर्भ में यह बात इसलिए की जाती है क्योंकि कविता फूलों की भांति सौन्दर्य, सुगंध और ताजगी दर्शाती है। परन्तु कविता फूलों से एक प्रकार से अलग है और वह है उम्र। सब फूल मुरझा जाते हैं जबकि कविता कालजयी है। इस प्रकार कविता बिना मुरझाए महकती रहती है।


5.‘ भाषा को सहूलियत से बरतने’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: भाषा को सहूलियत से बरतने का तात्पर्य यह है कि भाषा का उचित प्रयोग किया जाए। भाषा अनगिनत शब्दों का संग्रह है। शब्दों के अर्थ प्रसंगों के अनुरूप होनी चाहिए, शब्दों से भाषा का विकास होता है। इसलिए भाषा का प्रयोग सतर्कता से करना चाहिए। गलत शब्दों का प्रयोग भाषा को पेचीदा बना देता है।


6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी कभी भाषा के चक्कर में सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है कैसे?

उत्तर: यह एक बहुत गहरी पंक्ति है और शाब्दिक रूप से सच है। यह बात और है कि बातचीत और भाषा आपस में जुड़ी हुई है। किसी से बात करते समय भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने शब्दों को दूसरे तक पहुंचाते हैं और उन्हें समझाते हैं। यदि यह नहीं है तो हम बात नहीं कर सकेंगे, और संचार का ना होना यानी भाषा का भी न होना , अर्थात दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है। आसानी से भाषा का उपयोग नहीं कर पाने की स्थिती में कई बार सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है। क्योंकि हर शब्द की खासियत यह है कि उसका अपना अलग अर्थ होता है, भले ही वह किसी का पर्याय ना लगता हो।


7. बात कथे के लिए नीचे दी गई विशेषज्ञों का उचित बिम्बों, मुहावरों से मिलान करें।


बिंब/मुहावरा

विशेषता

(क) बात की चूड़ी मर जाना

कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

(ख) बात की पेंच खोलना

बात का पकड़ में न आना।

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

बात का प्रभावहीन हो जाना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना

बात में कसावट का न होना।

(ङ) बात का बन जाना

बात को सहज और स्पष्ट करना


उत्तर:


विशेषज्ञों का उचित बिम्बों, मुहावरों से मिलान करें उत्तर


8. बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित है। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें।

उत्तर:

क. बातें बनाना - बातें बनाना तो कोई लालू से सीखे। 

ख. बात का बतंगड़ बनाना - अरे दोस्त तुम भी किसकी बात करने लगे? सुजीत का तो काम है बात का बतंगड़ बनाना।


9. ज़ोर जबरदस्ती से

बात की चूड़ी मर गयी

और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।

उत्तर: कवि इन पंक्तियों में भाषा की जटिलताओं का वर्णन करता है। वे कहते हैं कि एक बार वे सीधी और सरल बात लिखने की कोशिश कर रहे थे। परन्तु भाषा की जटिलताओं में ऐसा फंसे कि मूल बात लिख नहीं पाए। उन्होंने जो कथन लिखा वह मूल बात से अलग था। अपनी इस बात को कवि कील की सहायता से समझते हैं, कभी कहते है जिस प्रकार ज़ोर लगाने पर कील की चूड़ी खत्म हो जाती है, उसके बाद उसे बिना चूड़ी वाली कील की तरह ही दीवार में ठोकना पड़ता है। उसी प्रकार यदि भाषा कथ्य के अनुकूल नहीं हो तो कथन प्रभावी नहीं रह पाता।


चर्चा कीजिए

प्रश्न 1. आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए?
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


प्रश्न 2. चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध व संप्रेषणीय बनाने में, बिंबों और उपमानों के महत्व पर परिसंवाद आयोजित करें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


आपसदारी

प्रश्न 1. सुंदर है सुमन, विहग सुंदर
मानव तुम सबसे सुंदरतम। पंत की इस कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में से इस आशय को अभिव्यक्त करने वाले बिंदुओं की तलाश करें।
उत्तर: पंत ने इस कविता में मनुष्य को प्रकृति से सुंदर व समर्थ बताया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में कवि ने कविता को फूलों व चिड़ियों से अधिक समर्थ बताया है। कवि ने कविता और बच्चों में समानता दिखाई है। मनुष्य में रचनात्मक ऊर्जा हो तो बंधन का औचित्य समाप्त हो जाता है।


प्रश्न 2. प्रतापनारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढ़कर पढ़ें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3

  • Understanding how poetry can simplify complex thoughts and emotions.

  • Recognising the similarities between children’s innocence and poetic expression.

  • Learning about the challenges of effective communication through language.

  • It teaches the importance of clarity and simplicity in expression.

  • The Chapter Developes the analytical skills to interpret poetic themes and devices.


Benefits of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3

  • Class 12 Hindi Chapter 3 NCERT Solutions provides detailed explanations and answers for all chapters, ensuring that students grasp the complete syllabus effectively.

  • The solutions are designed by the NCERT curriculum, making them ideal for exam preparation and ensuring all important topics are covered.

  • The solutions break down complex concepts into simpler terms, making it easier for students to understand difficult topics and themes.

  • By studying the solutions, students can learn how to articulate their thoughts better and improve their writing skills in Hindi.

  • NCERT Solutions include various types of questions, helping students to practice effectively and prepare thoroughly for their exams.


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Conclusion

Class 12 Hindi Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par is an insightful exploration of the interplay between language and meaning in poetry. The chapter encourages readers to appreciate the beauty of simplicity in expression while recognizing the potential complexities that language can introduce. This PDF of NCERT Solutions provides a comprehensive understanding of the chapter, helping students in their literary journey.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi - (Aroh) 

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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Poem Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par

1. NCERT Solutions के अनुसार, 'सब घर एक कर देने के माने' का क्या अर्थ है?

इस पंक्ति का अर्थ है कि जिस प्रकार बच्चे खेलते समय अपने-पराए, धर्म, जाति और सीमाओं का भेद भूल जाते हैं, उसी प्रकार कविता भी शब्दों के माध्यम से सभी विभाजनों को समाप्त कर देती है। NCERT Solutions के अनुसार, इसका सही उत्तर यह है कि कविता को भी बच्चों के खेल की तरह सीमाओं से परे होकर पूरी मानवता के हित में लिखा जाना चाहिए, जिससे समाज में एकता का संदेश जाए।

2. 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध है, जैसा कि Chapter 3 के NCERT Solutions में समझाया गया है?

कक्षा 12 हिंदी के Chapter 3 के NCERT Solutions में इस संबंध को दो स्तरों पर समझाया गया है:

  • उड़ना: जैसे पक्षी पंखों से उड़ते हैं, वैसे ही कवि अपनी कल्पना की उड़ान भरता है। कविता की उड़ान असीमित होती है जो समय और स्थान की सीमाओं से परे जा सकती है।
  • खिलना: जैसे फूल खिलकर अपनी सुगंध और सुंदरता फैलाते हैं, वैसे ही कविता भी अपने शब्दों और भावों से खिलकर पाठकों को आनंदित करती है। हालांकि, फूल मुरझा जाते हैं, पर कविता बिना मुरझाए हमेशा महकती रहती है।

3. कक्षा 12 हिंदी अध्याय 3 के NCERT Solutions में कविता और बच्चे को समानांतर क्यों रखा गया है?

NCERT Solutions में कविता और बच्चे को समानांतर रखने का मुख्य कारण दोनों के स्वतंत्र और सीमाहीन स्वभाव को दर्शाना है। जिस तरह बच्चे खेल में किसी भी तरह के बंधन को स्वीकार नहीं करते, उसी तरह कविता भी कल्पना और रचनात्मकता के स्तर पर किसी सीमा में नहीं बँधती। दोनों में सहजता, निश्छलता और सृजन का भाव होता है, जो उन्हें एक समान बनाता है।

4. 'भाषा को सहूलियत से बरतने' से क्या अभिप्राय है? इस प्रश्न का सही उत्तर NCERT Solutions में कैसे दिया गया है?

NCERT Solutions के अनुसार, 'भाषा को सहूलियत से बरतने' का अभिप्राय है कि अपनी बात कहने के लिए सरल, सहज और उपयुक्त शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। जब कोई लेखक या कवि दिखावे के लिए कठिन और जटिल भाषा का उपयोग करता है, तो मूल भाव नष्ट हो जाता है और सीधी बात भी उलझ जाती है। इसका सही तरीका है कि भाव के अनुरूप ही भाषा का चयन किया जाए।

5. 'बात की चूड़ी मर गई' वाली पंक्तियों की व्याख्या के लिए NCERT Solutions में कौन-सी सही विधि बताई गई है?

इन पंक्तियों की सही व्याख्या के लिए, CBSE पैटर्न के अनुसार, NCERT Solutions में एक चरण-दर-चरण विधि का पालन किया जाता है:

  • संदर्भ स्पष्ट करें: कवि एक सीधी-सरल बात को प्रभावशाली भाषा में कहने की कोशिश कर रहा था।
  • उपमा को समझाएं: कवि ने इस स्थिति की तुलना एक पेंच से की है। जिस तरह ज़ोर-ज़बरदस्ती करने पर पेंच की चूड़ी मर जाती है और वह कसने लायक नहीं रहता, उसी तरह भाषा पर अनावश्यक दबाव डालने से बात का प्रभाव खत्म हो जाता है।
  • निष्कर्ष बताएं: अंत में, वह बात अर्थहीन होकर केवल शब्दों के समूह के रूप में भाषा में बेकार घूमने लगती है।

6. NCERT Solutions के अनुसार, बात और भाषा के बीच क्या संबंध है, और यह कब सीधी बात को भी टेढ़ा बना देती है?

बात और भाषा का संबंध अन्योन्याश्रित (एक-दूसरे पर निर्भर) है। बात (कथ्य) को व्यक्त करने के लिए भाषा एक माध्यम है। हालांकि, जब लेखक कथ्य के बजाय भाषा के प्रदर्शन पर अधिक ध्यान देता है और अनुचित या जटिल शब्दों का प्रयोग करता है, तो भाषा के चक्कर में सीधी और सरल बात भी समझने में कठिन या टेढ़ी हो जाती है।

7. 'बाat Seedhi Thi Par' कविता की व्याख्या करते समय छात्र कौन-सी आम गलतियाँ करते हैं, और NCERT Solutions इनसे बचने में कैसे सहायक हैं?

छात्र अक्सर इस कविता के प्रतीकों का शाब्दिक अर्थ निकालते हैं, जो एक आम गलती है। NCERT Solutions इससे बचने में मदद करते हैं क्योंकि वे:

  • प्रतीकों का सही अर्थ बताते हैं, जैसे 'पेंच कसना' का अर्थ है भाषा को जटिल बनाना और 'चूड़ी मरना' का अर्थ है कथ्य का प्रभावहीन हो जाना।
  • कवि के मूल संदेश पर ध्यान केंद्रित करना सिखाते हैं, जो है- 'सहज और सरल भाषा का महत्व'।
  • यह समझने में मदद करते हैं कि कविता का उद्देश्य भाषा का दिखावा करना नहीं, बल्कि भाव को सटीकता से व्यक्त करना है।

8. NCERT Solutions Class 12 Hindi Chapter 3 बोर्ड परीक्षा के लिए उत्तर-लेखन कौशल को बेहतर बनाने में कैसे मदद करते हैं?

ये समाधान 2025-26 के CBSE पाठ्यक्रम के अनुसार उत्तर-लेखन में कई तरह से मदद करते हैं। ये सिखाते हैं कि कैसे:

  • उत्तरों को छोटे पैराग्राफ या बिंदुओं में संरचित करें ताकि वे पठनीय हों।
  • कविता से उचित पंक्तियों को उद्धृत करके अपने तर्क का समर्थन करें।
  • काव्य-सौंदर्य से जुड़े प्रश्नों में भाषा, अलंकार और प्रतीकों का विश्लेषण कैसे करें।
  • शब्द सीमा के भीतर रहकर सटीक और प्रभावशाली उत्तर कैसे लिखें।