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फूल और काँटा (कविता) Class 7 Hindi Chapter 3 CBSE Notes 2025-26

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Hindi Notes for Chapter 3 फूल और काँटा (कविता) Class 7- FREE PDF Download

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Access Revision Notes for Class 7 Hindi Chapter 3 फूल और काँटा (कविता)

फूल और काँटा (कविता) अयोध्या सिंह उपाध्याय द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता है, जिसमें कवि ने फूल और काँटे जैसे सामान्य प्रतीकों के माध्यम से जीवन के गूढ़ सत्य प्रस्तुत किए हैं। यह कविता कक्षा 7 की हिंदी पाठ्यपुस्तक में अध्याय 3 के रूप में शामिल है। इसमें बताया गया है कि फूल और काँटा एक ही पौधे पर साथ-साथ जन्म लेते हैं, एक जैसी देखभाल, हवा, पानी, चाँदनी प्राप्त करते हैं, फिर भी दोनों के स्वभाव और आचरण में ज़मीन-आसमान का फर्क रहता है।

कवि परिचय: अयोध्या सिंह उपाध्याय

अयोध्या सिंह उपाध्याय, जिन्हें 'हरिऔध' के नाम से जाना जाता है, हिंदी के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ। उनका 'प्रियप्रवास' खड़ी बोली का पहला महाकाव्य माना जाता है। उन्होंने बच्चों के लिए 'चंद्र-खिलौना', 'खेल-तमाशा' जैसे अनेक काव्य-संग्रह दिए हैं। उनकी रचनाएं सरल भाषा, बलिष्ठ संदेश और समाजोपयोगी शिक्षा के लिए जानी जाती हैं।

कविता का मुख्य भाव और विषयवस्तु

कवि ने फूल और काँटे को एक रूपक (Metaphor) के तौर पर इस्तेमाल करते हुए यह दर्शाया है कि परिस्थितियाँ एक जैसी होते हुए भी दो व्यक्तियों के विचार, स्वभाव, क्रियाएँ और सामाजिक प्रतिष्ठा भिन्न क्यों होती है। फूल दूसरों को सुख, आनंद, सुगंध और आकर्षण देता है, जबकि काँटा दूसरों को दुख, पीड़ा, चोट और परेशानी देता है।

प्रमुख बिंदु एवं संदेश
  • फूल और काँटा – दोनों एक ही पौधे में, एक जैसी परिस्थितियों में, एक साथ पलते-बढ़ते हैं।
  • फूल दूसरों को सुख और सुंदरता देता है जबकि काँटा दूसरों को चुभन और पीड़ा देता है।
  • प्रकृति, समाज और मानव जीवन में भी ऐसे भेद पाए जाते हैं।
  • कविता में फूल को दया, प्रेम, कोमलता व अच्छाई तथा काँटे को स्वार्थ, क्रूरता व कठोरता के प्रतीक बताया गया है।
  • कर्म और स्वभाव, कुल से अधिक महत्वपूर्ण हैं – व्यक्ति का सम्मान उसके स्वयं के गुणों और कर्मों से बनता है, न कि उसके परिवार या वंश से।
महत्वपूर्ण पंक्तियाँ व उनका अर्थ
  • “मेह उन पर है बरसता एक सा, एक सी उन पर हवाएँ हैं बही;
    पर सदा ही यह दिखाता है हमें, ढंग उनके एक से होते नहीं।”
    — यहाँ समान परिस्थितियों में भी दो भिन्न व्यक्तित्वों, गुणों अथवा स्वभावों के फर्क को उजागर किया गया है।
  • “है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर।”
    — एक (काँटा जैसा) सबको अखरता है, जबकि दूसरा (फूल जैसा) सबका प्रिय बन जाता है।
  • “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर।”
    — यदि व्यक्ति में अच्छे गुण नहीं हैं तो उसके परिवार या कुल की प्रतिष्ठा भी व्यर्थ है।
रूपक एवं प्रतीक
  • फूल: अच्छाई, दया, कोमलता, प्रेम, आनंद, परोपकार, संतोष, विनम्रता आदि।
  • काँटा: स्वार्थ, बुराई, कठोरता, पीड़ा, घमंड, ईर्ष्या, दुख, प्रतिशोध आदि।
कविता की पंक्तियों का विश्लेषण

कविता की भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण एवं लयबद्ध है। लगभग हर दूसरी पंक्ति तुकांत है, जो बच्चों के लिए रटने योग्य और रोचक बनाती है। कवि ने मुहावरों, अनुकरण, मानवीकरण (Personification), प्रश्नवाचक शैली आदि का प्रभावशाली प्रयोग किया है।

शब्दार्थ एवं युग्म शब्द
  • बड़प्पन: बड़ा होने का भाव, महत्ता, सम्मान
  • चाँदनी: चंद्रमा का फैलाया उजास
  • मेह: वर्षा/बारिश
  • बसन: वस्त्र
  • निराला: अनोखा, विशेष
  • श्याम: काला, साँवला
अनुप्रास, विशेषण-विशेष्य और भाषा-शैली
पंक्ति विशेषण विशेष्य
भौंर का है बेध देता श्याम तन श्यामतन
फाड़ देता है किसी का वर बसन वरबसन
भौंर को अपना अनूठा रस पिला अनूठारस
निज सुगंधों औ निराले ढंग से निरालेढंग

विशेष्य (Noun): फूल, काँटा, मेह, चाँद, रात;
विशेषण (Adjective): सुंदर, तीखा, घना, उजला, लंबी आदि।

महत्वपूर्ण प्रश्न अभ्यास हेतु
  • फूल और काँटे के स्वरूप में कौन-कौन सी समानताएँ और भिन्नताएँ पाई जाती हैं?
  • कुल और बड़प्पन के संदर्भ में कवि का दृष्टिकोण क्या है?
  • कविता का मुख्य संदेश क्या है? उसे अपने शब्दों में लिखिए।
  • “है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर।” — इस पंक्ति का अपनी भाषा में सारांश दीजिए।
  • यदि सभी पौधे एक जैसे होते तो प्रकृति की सुंदरता पर क्या प्रभाव पड़ता?
तालिका: कुछ प्रमुख वनस्पतियों में फूल एवं काँटे
वनस्पति फूल काँटे विशेषता
बबूल पीले/सफेद छोटे गुच्छेदार लंबे, नुकीले इंधन, चारा, औषधियों में प्रयुक्त
गुलाब लाल, सफेद, गुलाबी तने पर छोटे, तीखे सजावटी, इत्र के लिए प्रसिद्ध
नागफनी पीले, नारंगी या गुलाबी पूरी सतह पर छोटे/लंबे सूखे क्षेत्रों में, सजावटी पौधा
बेर छोटे, हल्के पीले शाखाओं पर छोटे फल खाद्य व औषधीय
करौंदा छोटे, सफेद, सुगंधित शाखाओं पर तीखे अचार, जैम, जेली; फूल सजावटी, फल उपयोगी
नींबू छोटे, सफेद, गुलाबी छाया लिए शाखाओं पर छोटे, तीखे खट्टे फल, पेय व औषधि उपयोगी
विचारार्थ एवं चर्चा हेतु
  • फूल–काँटे का व्यवहार हमारे आसपास के लोगों या समाज के किन-किन मामलों में उदाहरण बन सकता है?
  • अपने जीवन में फूल या काँटे जैसे गुण किसमें देखें हैं? उसकी चर्चा करें।
  • समाज में अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोग क्यों आवश्यक हैं?
सृजनात्मक गतिविधियाँ
  • फूल–काँटा के संवाद की कल्पना करें और संवाद लिखें।
  • फूल का एक आकर्षक चित्र बनाएं तथा उसमें रंग भरें।
  • ‘फूल’ बनकर पत्र लिखें — दूसरा विद्यार्थी ‘काँटा’ बनकर उत्तर लिखे।
कविता की भाषा और शैली

कविता का शिल्प बहुत सुंदर है — लयात्मक छंद, तुकांत पद, परस्पर विरोधी भावों का प्रयोग, मानवीकरण, उपमा आदि ने इसे रोचक बनाया है। कवि ने उदाहरण के तौर पर "फूल लेकर तितलियों को गोद में" (Alliteration), "फाड़ देता है किसी का वर बसन" (Muhavra), "किस तरह कुल की बड़ाई काम दे" (प्रश्नवाचक–शैली), "निज सुगंधौं औं निराले रंग से" (विशेषण–विशेष्य) इत्यादि भाषा उपयोग किए हैं।

परीक्षा उपयोगी संक्षिप्त बिंदु
  • यह कविता बच्चों के मूल्य–निर्माण, व्यक्तित्व–निर्माण व सामाजिक सहजीवन के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
  • मुख्य संदेश: परिस्थिति एक जैसी हो सकते हैं, पर चरित्र (गुण–दोष) जीवन की दिशा तय करता है।
  • प्रकृति–मानव संबंध की सुंदर व्याख्या — हम अपने गुणों से ही दूसरों के लिए महत्व रखते हैं, सिर्फ जन्म या परिवार से नहीं।
  • कविता की भाषा, प्रतीक, और प्रश्नपरक शैली परीक्षा में विश्लेषणात्मक उत्तर हेतु महत्वपूर्ण है।
आशय

फूल और काँटा (कविता) हमें जीवन में अपने गुणों को सँवारने, दूसरों को प्रसन्नता देने, सहानुभूति, विवेकशीलता, अच्छे कर्म और उदारता पैदा करने की प्रेरणा देती है। साथ ही, यह सीख भी देती है कि व्यक्ति का कुल नहीं, उसके कर्म और स्वभाव समाज में उसका स्थान निर्धारित करते हैं।


Class 7 Hindi Chapter 3 Revision Notes – फूल और काँटा (कविता) 


These Class 7 Hindi Chapter 3 notes present the poem "फूल और काँटा (कविता)" in a structured, organized version for easy revision. The summary, word meanings, activities, and creative exercises help clarify key concepts for exams. Students can conveniently review all essential topics without missing any important points.


By using this HTML format, learners benefit from clear subheadings, text-based “diagrams,” and exam-focused questions. These revision notes make last-minute study simpler and ensure complete coverage before tests, especially for NCERT curriculum-based Hindi chapters like "फूल और काँटा (कविता)".


FAQs on फूल और काँटा (कविता) Class 7 Hindi Chapter 3 CBSE Notes 2025-26

1. What is the best way to revise CBSE Class 7 Hindi Malhar Notes Chapter 3 for exams?

Focus on stepwise NCERT solutions, key definitions, and solved exercises from the chapter revision notes. Revise important points and sample answers, practice writing in the same format as asked in exams, and use the chapter summary for quick recall before tests.

2. How do NCERT solutions help in writing full-mark answers in Hindi Chapter 3?

Using exercise-wise solutions guides you in answering as per CBSE marking. Follow these steps:

  • Read each question.
  • Write pointwise or in short paragraphs as shown in notes.
  • Include diagram or definition when needed for extra marks.

3. Are definitions or diagrams compulsory in Class 7 Hindi Chapter 3 answers?

No, but clear definitions and neat diagrams can add marks for relevant questions. If the question specifically asks for a meaning or diagram, include it. Well-labelled diagrams and key terms show your understanding and help in scoring better with exam-focused revision notes.

4. What’s the right format for long answers in CBSE Class 7 Hindi Chapter 3?

Structure long answers in short paragraphs using keywords from the question. Start with an introduction, explain with bullet points or examples, and conclude simply. Refer to the NCERT stepwise solutions and use points from revision notes to avoid missing marks.

5. Which topics are most important for exam revision in this chapter?

Focus your revision notes on these areas:

  • Key definitions and meanings
  • Solved intext and back exercise questions
  • Any important diagrams or maps
  • Summary points and practice questions
Use these as your revision checklist.

6. How can I avoid common mistakes while revising Hindi Chapter 3?

Revise regularly with chapter-wise solutions to spot common errors. Check these points:

  • Don’t skip definitions or labels in diagrams.
  • Avoid writing answers too short or too lengthy.
  • Always answer as per CBSE marking scheme guidance from notes.

7. Where can I download the free PDF of CBSE Class 7 Hindi Malhar Notes Chapter 3 for offline revision?

You can easily get the chapter-wise solutions PDF for offline study from trusted educational platforms like Vedantu. The PDF includes stepwise NCERT answers, exam-focused revision notes, and exercise-wise solved examples to help with thorough revision anytime.