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पानी रे पानी (निबंध) Class 7 Hindi Chapter 4 CBSE Notes 2025-26

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Hindi Notes for Chapter 4 पानी रे पानी (निबंध) Class 7- FREE PDF Download

CBSE Class 7 Hindi Malhar Notes Chapter 4 brings you easy-to-understand explanations to support your exam revision. These revision notes are specially prepared by keeping the chapter in focus, aiming to clear all your doubts quickly.


This chapter explores important themes and stories, making core concepts simple for every student. Each topic is summarised in short points so you can revise faster and remember better during tests and school exams.


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Access Revision Notes for Class 7 Hindi Chapter 4 पानी रे पानी (निबंध)

पानी रे पानी (निबंध) अध्याय में जल का महत्व, उसके स्रोत, जल संकट और संरक्षण के उपायों को बहुत सरल व प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेखक अनुपम मिश्र ने हमारे जीवन में पानी के महत्व, इसके चक्र (जल-चक्र) और इससे जुड़ी समस्याओं— जैसे जल संकट, सूखा और बाढ़, के विषय में सहज उदाहरणों व अनुभवों के माध्यम से समझाया है।

जल का स्रोत और जल-चक्र

हमारे जीवन में पानी की यात्रा कैसे होती है, इसका उल्लेख जल-चक्र (Water Cycle) के माध्यम से किया गया है। समुद्र से सूर्य की गर्मी में जल वाष्प (भाप) बनता है, यह हवा के साथ ऊपर उठकर बादल बनता है। बादल वर्षा के रूप में धरती पर जल बरसाते हैं। यह पानी नदियों, झीलों, तालाबों और जमीन में चला जाता है। नदियाँ अंततः फिर समुद्र में मिल जाती हैं और जल-चक्र निरंतर चलता रहता है। जल-चक्र के प्रमुख भाग हैं— सूर्य, समुद्र, बादल, हवा, धरती, वर्षा, नदी, नाले, और समुद्र में विसर्जन।

जल संकट – बेमौसम पानी और समस्याएँ

अध्याय में बताया गया है कि आजकल घरों, गाँवों, और शहरों में नलों से हमेशा पानी नहीं आता। कभी कई-कई घंटों तक पानी नहीं मिलता, और जब आता है तो समय तय नहीं। लोग देर रात या सुबह-सुबह उठकर बाल्टियाँ भरते हैं। कई जगह पानी की कमी से झगड़े-फसाद भी होते हैं। कुछ लोग नल में मोटर लगाकर पड़ोसियों के हक का पानी खींच लेते हैं। अब तो पानी भी बिकने लगा है। यह स्थिति देश के बड़े शहरों से लेकर गाँवों तक है।

अकाल और बाढ़—दोनों एक समस्या

गर्मी के मौसम में कई जगह सूखा (अकाल) पड़ जाता है, तो दूसरी ओर बरसात में पानी की अधिकता से बाढ़ आती है। दोनों कट्टर विपरीत परिस्थितियाँ हैं, पर दोनों का मूल कारण जल प्रबंधन की कमी है। लेखक कहते हैं कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं—पानी का बहुत कम या बहुत ज्यादा होना, इसे समझना जरूरी है।

धरती—एक बड़ी गुल्लक

लेखक ने धरती को एक ‘बड़ी गुल्लक’ बताया है जिसमें वर्षा के पानी को, तालाब-झीलों के माध्यम से, भूमिगत जलस्रोत (भूजल—Groundwater) के रूप में जमा किया जा सकता है। जिस तरह बच्चों की गुल्लक में पैसे जमा होते हैं, वैसे ही वर्षा का पानी इन जलस्रोतों में संग्रहित होता है। यह भूजल हमें बाद में पूरे साल काम आता है।

तालाब, झीलें और जल स्रोत का संरक्षण

कई जगह लोगों ने खेत या जमीन के लालच में पुराने तालाब और झीलें पाटकर आवास, बाजार या अन्य निर्माण कर लिए। इस गलती की सजा हमें जल संकट और बाढ़ की दोहरी मुसीबत के रूप में मिल रही है। यदि तालाब, झीलें और जलस्रोत सुरक्षित होते, तो न भूजल का स्तर गिरता, न गर्मी में नल सूखते, न बाढ़ आती।

मुख्य शब्दावली एवं उनकी परिभाषाएँ
शब्द परिभाषा
जल-चक्र पानी का समुद्र से वाष्प बनना, बादल बनना, वर्षा के रूप में धरती पर गिरना और वापस समुद्र में मिलना।
भूजल जमीन के नीचे छिपा जल भंडार, जिसे कुओं, बोरवेल आदि से निकाला जा सकता है।
वर्षा जल संग्रहण वर्षा के जल को तालाब, टंकी या भूमिगत खजाने में जमा करना।
जल संकट जल की अत्यधिक कमी होना।
अकाल बरसात न होने या बहुत कम पानी होने के कारण सूखा पड़ना।
बाढ़ बहुत अधिक वर्षा या पानी के बहाव से नदियों, नालियों का किनारा तोड़कर पानी का फैल जाना।
परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बिंदु
  • पानी का स्रोत वर्षा, नदी, झील, तालाब, धरती के नीचे का जल है।
  • जल-चक्र प्रकृति का एक सतत चक्र है— समुद्र से भाप, बादल, वर्षा, नदी, समुद्र।
  • आज पानी की सबसे बड़ी समस्या जलस्रोतों का संरक्षण न करना, तालाब पाटना, और भूजल स्तर गिरना है।
  • बचपन की गुल्लक की तरह धरती में जल संचयन जरूरी है।
  • तालाब, झीलों के संरक्षण से अकाल और बाढ़—दोनों की समस्या हल हो सकती है।
उत्तर लेखन एवं अक्षांश

1. हमारा भूजल भंडार तालाब, झीलों में संग्रहित और धीरे-धीरे मिट्टी के नीचे रिसते पानी से समृद्ध होता है।
2. जल-चक्र— समुद्र से वाष्प का बादल बनना, वर्षा होना, पानी का बहकर समुद्र में मिलना, इस प्रक्रिया को जल-चक्र कहते हैं।
3. जब हम तालाब या जलस्रोत पाटकर निर्माण करते हैं, तब भविष्य में पेयजल की कमी और बाढ़ जैसी समस्या आती है।

तालिका: शब्दों का मिलान
1. वर्षा जल संग्रहण वर्षा के जल को प्राकृतिक अथवा मानवीय प्रयासों से धरती में जमा करना।
2. जल संकट जल की अत्यधिक कमी होना।
3. जल-चक्र समुद्र से भाप, बादल, वर्षा, और पुनः समुद्र में जल मिलना।
4. भूजल धरती के नीचे जमा पानी।
पाठ से प्रेरित प्रश्न एवं उत्तर
  • धरती को बड़ी गुल्लक इसलिए कहा गया, क्योंकि इसमें धीरे-धीरे वर्षा का पानी जमा होता है, जो बाद में हमारे काम आता है।
  • यदि सभी तालाब, नदियाँ, झीलें सूख जाएँ तो जीवन संकट में आ जाएगा, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे तथा मनुष्य— सभी प्रभावित होंगे।
  • जल-चक्र प्रकृति का ऐसा चक्र है, जिससे जल निरंतर प्रकृति में चलता रहता है— यह चक्र टूटा तो जीवन संभव नहीं।
  • पानी रुपयों से अधिक मूल्यवान है, क्योंकि पैसा बिना जल जीवन नहीं चल सकता।
महत्त्वपूर्ण उदाहरण और तथ्य

वर्षा जल संचयन का सुंदर उदाहरण दक्षिण भारत, राजस्थान की बावड़ियाँ, मध्यप्रदेश के गाँवों के बड़े तालाब हैं। इनसे न केवल पानी सालभर मिलता रहा, बल्कि भूजल संरक्षण भी होता है। पुराने समय में समृद्ध समाज अपने क्षेत्र के जलस्रोतों को बचाते और बढ़ाते थे।

सृजनात्मक गतिविधियाँ
  • कल्पना करें— यदि घर में पानी नहीं आता, तो सार्वजनिक नल से पानी भरना, झगड़े टालने हेतु पाँच अच्छे संदेश:
    • पानी की बर्बादी न करें, अपनी बारी का ध्यान रखें।
    • सबको पानी, सबका अधिकार— झगड़ा नहीं सहकार।
    • पानी बाँटें, प्रेम बढ़ायें।
    • जरूरत भर पानी लें, दूसरों का भी ख्याल रखें।
    • पानी की कदर करें, भविष्य संवरें।
रोजमर्रा की कार्य में पानी—सर्वेक्षण
  • पानी प्रतिदिन पीना—5 लीटर, खाना बनाना—10 लीटर, कपड़े धोना—20 लीटर, स्नान—15 लीटर आदि। तालिका बनाकर मात्रा लिख सकते हैं।
  • माता-पिता बाल्टी-सह पानी का संचयन, उपयोग के बाद नल बंद रखना, वर्षा जल टंकी में जमा करना जैसे उपाय करते हैं।
भूजल स्तर और उसका महत्व

भूजल स्तर गिरने के कई कारण हैं— वर्षा जल का संचयन न होना, जलस्रोतों का नष्ट होना, अत्यधिक दोहन (ज्यादा उपयोग) आदि। इससे पेयजल संकट, सिंचाई में कठिनाई, फसल नुकसान, और बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है। स्थानीय प्रशासन द्वारा तालाबों की खुदाई, जल संचयन अभियान चलाए जाते हैं।

समानार्थक शब्द
  • सूरज—दिवाकर, भास्कर, दिनकर
  • भाप—वाष्प
  • बादल—मेघ, जलद, वारिद, नीरद
  • हवा—वायु, पवन, समीर
प्रश्न अभ्यास
  • यदि जलस्रोत न हों, तो जीवन संभव नहीं।
  • हम पानी के मूल्य को समझें और इसका संचयन करें।
  • संग्रहण प्रणाली— छत से पाइप द्वारा पानी टंकी, कुएँ या धरती में भेजना, उपयोग से पहले शुद्ध करना।
झरोखे से: ऐतिहासिक दृष्टांत

कूड़न, बुढ़ान, सरमन, कौँराई—चार भाइयों ने जगह-जगह तालाब बनवाए, जो आज भी उनके नाम से मिलते हैं। समाज के महाराज, समाजसेवी या राजा ने हमेशा समुदाय के लिए तालाब बनाकर समाज में कृतज्ञता अर्जित की।

विशेष—विश्वेश्वरैया

महान अभियंता विश्वेश्वरैया ने बचपन से ही प्रकृति, पानी, गरीबी को समझा और जीवन का मर्म—"पहले जानो, फिर करो"—को आत्मसात किया। उन्होंने भारत के कई बड़े बाँध, जल प्रबंधन परियोजनाएँ बनाई।

लेखक परिचय: अनुपम मिश्र

अनुपम मिश्र प्रसिद्ध लेखक, संपादक एवं पर्यावरणविद् थे। ‘आज भी खरे हैं तालाब’, ‘साफ माथे का समाज’ जैसी चर्चित कृतियाँ उन्होंने लिखीं। इन्होंने जल प्रबंधन और पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण पर अत्यंत प्रभावी कार्य किया।

निष्कर्ष

पानी रे पानी (निबंध) अध्याय हमें जल के महत्व, उसके संरक्षण, जल-चक्र की प्रक्रिया तथा सामुदायिक उत्तरदायित्व का एहसास कराता है। हमें अपनी गुल्लक (धरती) में पानी को सहेजना चाहिए, ताकि भविष्य में न सूखा आए, न बाढ़।

Class 7 Hindi Chapter 4 Notes – पानी रे पानी (निबंध) Revision Guide

These concise revision notes for Class 7 Hindi Chapter 4 – पानी रे पानी (निबंध) provide a clear summary of the chapter's main points, vocabulary, and key questions. Students can quickly revise water cycle processes and learn the importance of water conservation, helping them prepare confidently for exams.


By using these Hindi Chapter 4 revision notes, learners can reinforce important concepts, understand exam-relevant definitions, and practice key exercises. The structured format ensures effective last-minute study for students aiming to score well in their Hindi exams.


FAQs on पानी रे पानी (निबंध) Class 7 Hindi Chapter 4 CBSE Notes 2025-26

1. How can I use CBSE Class 7 Hindi Malhar Chapter 4 revision notes for better exam preparation?

Revision notes help you quickly recall key points and important definitions from Chapter 4. Focus on main ideas, important terms, and solved examples. Review summaries and go through each exercise using stepwise solutions to match the CBSE answer pattern.

2. What is the best way to write stepwise answers for Class 7 Hindi Chapter 4 and score full marks?

To score full marks, always structure your answers in clear steps, as per NCERT guidelines. Make sure to:

  • Highlight the main point in your first line.
  • Support with examples or explanations.
  • Use correct terminology from the chapter notes.

3. Are diagrams or definitions important in CBSE Class 7 Hindi Malhar Chapter 4 revision notes?

Yes, including clear definitions and simple labeled diagrams where needed can help you earn easy marks. Check if the textbook exercises mention diagrams. Always revise definitions for main terms and practice drawing any map or chart shown in the chapter.

4. What types of questions from Chapter 4 are likely to come in school exams?

Exams often include:

  • Short answer (1-2 mark) questions based on definitions and key terms.
  • Long answer questions asking for explanations or examples.
  • Direct questions from intext and back exercises.

5. How can I structure long answers in Hindi Malhar Chapter 4 to match the CBSE marking scheme?

Begin with a short introduction, cover all main points stepwise, and end with a conclusion if needed. Use bullet points for facts and examples. Make sure to use chapter-specific words and write neatly for better marks.

6. Where can I download the free PDF of CBSE Class 7 Hindi Malhar Chapter 4 solutions for revision?

You can download the free PDF of Chapter 4 solutions and revision notes from the official Vedantu website. Click the download button on the revision notes page to get stepwise answers, definitions, and key points for offline study.

7. What are common mistakes students make while revising Chapter 4 Hindi Malhar notes?

Common mistakes are skipping definitions, not practicing diagrams, and writing incomplete answers. Make sure to:

  • Revise all exercise questions.
  • Check your answer structure.
  • Practice writing with CBSE keywords and marking scheme in mind.